सोनी और जी के बीच मर्जर का इंतजार खत्म हो गया है, क्योंकि सोनी ने इसे रद्द करने का फैसला किया है। इस मर्जर की घोषणा दिसंबर 2021 में हुई थी, और यदि यह होता तो इससे एक भारतीय एंटरटेनमेंट नेटवर्क का निर्माण होता जिसकी व्यूअरशिप 24% से ज्यादा होती।

सोनी ने इस मर्जर को खत्म करने के लिए एक टर्मिनेशन लेटर भेजा है और इसके लिए 748 करोड़ रुपए की फीस मांगी है। जी ने इसके खिलाफ लीगल एक्शन की तैयारी की है और इसमें सोनी के खिलाफ कदम उठाने का एलान किया है।

मर्जर की शर्तों के अनुसार, जी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा के बेटे पुनीत गोयनका को नई कंपनी का CEO बनाना था, लेकिन सेबी की जांच के कारण इसे मना कर दिया गया और सोनी ने अपने भारतीय मैनेजिंग डायरेक्टर NP सिंह को नई कंपनी का CEO बनाने की कोशिश की थी।

सोनी के ओर से इस मुद्दे पर दी गई एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने 21 जनवरी तक मर्जर पर सहमति नहीं दी है, और इस लंबे समय के नेगोशिएशन के बाद यह निराशाजनक है। वह तेजी से बढ़ते बाजार में अपनी पहचान बनाने का और दर्शकों को वर्ल्ड क्लास एंटरटेनमेंट प्रदान करने का कमिटमेंट दिखा रहे हैं।

जी के MD और CEO पुनीत गोयनका ने भी सोशल मीडिया पर एक स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें उन्होंने इस मर्जर पर काम करने के लिए किए गए 2 साल के प्रयासों के बावजूद फेल होने पर अपनी आपत्ति जताई है और कहा है कि यह प्रभु का संकेत है। उन्होंने भविष्य में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने का आलोचना किया है और भारत की टॉप मीडिया कंपनी को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लेते हैं।