लेंसकार्ट की सुस्त लिस्टिंग के बीच PhysicsWallah IPO: निवेशकों के लिए एक सबक
भारत की प्रमुख एडटेक कंपनी, फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) 11 नवंबर को अपना बहुप्रतीक्षित आईपीओ लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह कंपनी राजस्व के हिसाब से भारत की शीर्ष पांच शिक्षा कंपनियों में शुमार है और वित्त वर्ष 22-24 के दौरान छात्र समुदाय के मामले में सबसे बड़ी होने का गौरव रखती है। 15 जुलाई, 2025 तक, इसके मुख्य यूट्यूब चैनल “फिजिक्स वाला – अलख पांडे” के लगभग 13.7 मिलियन सब्सक्राइबर थे।
आईपीओ का विवरण
फिजिक्सवाला इस पब्लिक इश्यू के माध्यम से ₹3,480 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रख रहा है। कंपनी ने इश्यू के लिए प्राइस बैंड ₹103 से ₹109 प्रति शेयर तय किया है। निवेशकों के लिए न्यूनतम बोली मात्रा 137 शेयर है, जिसका अर्थ है कि रिटेल निवेशकों को ऊपरी मूल्य बैंड पर प्रति लॉट न्यूनतम ₹14,933 का निवेश करना होगा। यह आईपीओ 11 नवंबर से 13 नवंबर 2025 तक बिडिंग के लिए खुला रहेगा, और शेयरों की लिस्टिंग 18 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर होने की उम्मीद है।
कंपनी की ताकत और पहुंच
फिजिक्सवाला की सफलता का एक बड़ा हिस्सा इसकी विशाल ऑनलाइन उपस्थिति है। 30 जून, 2025 तक, इसके 206 यूट्यूब चैनलों के 98.8 मिलियन सब्सक्राइबर थे। कंपनी नीट, जेईई और सरकारी परीक्षाओं सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों की पेशकश करती है। खास बात यह है कि कंपनी आक्रामक रूप से ऑफलाइन विस्तार कर रही है; जून 2025 तक, इसके ऑफलाइन कारोबार ने कुल राजस्व का 48.75% हिस्सा बनाया। यह भारत भर में 303 ऑफलाइन केंद्रों का संचालन करती है। कंपनी की सबसे बड़ी यूएसपी इसकी सस्ती कीमत है; उदाहरण के लिए, इसका जेईई कोर्स ₹4,500 का है, जबकि प्रतिस्पर्धी ₹75,000 या अधिक लेते हैं।
वित्तीय स्थिति और जोखिम
हालांकि, निवेशकों के लिए सब कुछ सकारात्मक नहीं है। कंपनी के वित्तीय आंकड़ों पर करीब से नज़र डालने पर कुछ चिंताएँ उभरती हैं। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी को ₹243.26 करोड़ का घाटा हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह घाटा ₹1,131.13 करोड़ था। 31 मार्च, 2024 तक कंपनी की नेट वर्थ भी ₹861.79 करोड़ ऋणात्मक थी। ये नुकसान मुख्य रूप से कर्मचारी लाभ खर्चों, फैकल्टी को पेशेवर शुल्क और विज्ञापन लागतों के कारण हुए हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी का राजस्व कुछ प्रमुख शहरों (जैसे दिल्ली एनसीआर, पटना) और मुख्य शिक्षा श्रेणियों (नीट, जेईई) पर अत्यधिक केंद्रित है, जो स्थानीय व्यवधानों या मांग में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील हो सकता है।
लेंसकार्ट का सबक
फिजिक्सवाला के आईपीओ में निवेश करने की योजना बना रहे निवेशकों के लिए हाल ही में आया लेंसकार्ट (Lenskart) का आईपीओ एक महत्वपूर्ण सबक हो सकता है। लेंसकार्ट, जो आईवियर सेगमेंट में एक मजबूत ब्रांड और बाजार पर पकड़ रखता है, ने भी निवेशकों से मजबूत प्रतिक्रिया हासिल की थी, लेकिन इसकी बाजार में शुरुआत बेहद निराशाजनक रही।
उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा लेंसकार्ट
लेंसकार्ट के शेयर अपने ₹402 के इश्यू प्राइस से लगभग 3% नीचे लिस्ट हुए। एनएसई पर शेयर ₹395 पर और बीएसई पर ₹390 पर खुले, जिसने लिस्टिंग गेन की उम्मीद कर रहे निवेशकों को निराश किया। विश्लेषकों का मानना है कि समस्या इसकी बहुत अधिक वैल्यूएशन थी। कंपनी का मूल्यांकन लगभग ₹70,000 करोड़ आंका गया था, जिसने निवेशकों के लिए लाभ कमाने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी। विश्लेषकों ने चेतावनी दी थी कि वैल्यूएशन “बहुत खिंची हुई” (stretched) लगती है।
मजबूत बुनियाद के बावजूद सावधानी
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड की शिवानी न्याति के अनुसार, लेंसकार्ट की शुरुआत उम्मीद से कहीं ज़्यादा कमज़ोर थी, बावजूद इसके कि कंपनी का वर्टिकली इंटीग्रेटेड बिजनेस मॉडल, इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग और भारत व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आक्रामक विस्तार है। लेंसकार्ट ने वित्त वर्ष 25 में ₹297 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 24 के ₹10 करोड़ के घाटे से एक तेज रिकवरी थी। फिर भी, निवेशक उच्च मूल्यांकन, हाल के नुकसान और प्रतिस्पर्धी दबाव को लेकर चिंतित रहे।
निवेशकों के लिए निष्कर्ष
लेंसकार्ट का अनुभव यह दर्शाता है कि निवेशक अब उच्च-मूल्यांकन वाले ग्रोथ स्टॉक्स को लेकर चुनिंदा हो गए हैं, भले ही उनकी ब्रांड पहचान कितनी भी मजबूत क्यों न हो। फिजिक्सवाला के मामले में भी, इसकी मजबूत छात्र वृद्धि और किफायती मॉडल आकर्षक हैं, लेकिन लगातार हो रहे घाटे और ऋणात्मक नेट वर्थ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जैसा कि लेंसकार्ट के मामले में देखा गया, केवल मजबूत बुनियाद ही लिस्टिंग पर सफलता की गारंटी नहीं है। निवेशकों को शायद फिजिक्सवाला के प्रदर्शन पर भी अगले कुछ तिमाहियों तक नज़र रखनी होगी, यह देखने के लिए कि क्या कंपनी अपने मूल्यांकन को सही ठहरा सकती है और लाभप्रदता की राह पर लौट सकती है।