दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता ह्युंडई मोटर जल्द ही भारत के स्टॉक मार्केट में अपनी पहली सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए तैयार है। ह्युंडई मोटर इंडिया लिमिटेड, जो ह्युंडई मोटर समूह की भारतीय सहायक कंपनी है, को भारतीय नियामकों से अपने बहुप्रतीक्षित आईपीओ के लिए मंजूरी मिल गई है।
भारतीय शेयर बाजार में यह आईपीओ 3 अरब डॉलर के साथ रिकॉर्ड बना सकता है, जो अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इससे पहले यह रिकॉर्ड मई 2022 में जीवन बीमा निगम (LIC) ने 2.7 अरब डॉलर के आईपीओ के साथ बनाया था।
ह्युंडई मोटर आईपीओ का महत्व:
ह्युंडई मोटर ग्रुप के चेयरमैन चुंग ईसुं ने इस आईपीओ को कंपनी की ब्रांड छवि को और मजबूत करने का एक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह आईपीओ भारतीय बाजार में कंपनी की उपस्थिति को और बढ़ाएगा और निवेशकों को शेयर बाजार में ह्युंडई के साथ जुड़ने का मौका देगा।
आईपीओ की प्रक्रिया में ह्युंडई ने भारतीय नियामकों के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा किया था, जिसमें कंपनी की संभावित मूल्यांकन 18 से 20 अरब डॉलर के बीच की गई थी।
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में ह्युंडई की स्थिति:
ह्युंडई मोटर, भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है, जिसका 14.3% बाजार हिस्सा है। यह कंपनी 1998 से भारतीय बाजार में काम कर रही है और 12 मिलियन से अधिक कारों का निर्माण और बिक्री कर चुकी है।
भारत में उत्पादन का विस्तार:
2024 के अंत तक, ह्युंडई का उद्देश्य भारतीय उत्पादन क्षमता को 1.5 मिलियन वाहन प्रति वर्ष तक बढ़ाना है। इसके तहत कंपनी कई नए मॉडल भी पेश करेगी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं।
भारत के बढ़ते ऑटोमोबाइल बाजार में अवसर:
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का ऑटोमोबाइल बाजार तेजी से बढ़ रहा है और इसमें असीम संभावनाएं हैं। ह्युंडई का आईपीओ इस दिशा में कंपनी की स्थिति को और मजबूत करेगा।
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