पीएम मोदी ने तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर लॉन्च किए: विशेषताएँ और महत्व

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम और एक हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) प्रणाली का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह प्रणाली मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए समर्पित होगी। यह कदम राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत भारत को सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आज शाम 5:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और मौसम और जलवायु के लिए हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम का उद्घाटन करूंगा। मैं विशेष रूप से अपने युवा मित्रों से इसमें शामिल होने का आग्रह करूंगा।”

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर की विशेषताएँ

  1. ये सुपरकंप्यूटर देश को समर्पित किए जाएंगे और भारत को सुपरकंप्यूटिंग तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं।
  2. इन तीन सुपरकंप्यूटरों की कुल लागत लगभग 130 करोड़ रुपये है और इन्हें राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
  3. इन्हें तीन प्रमुख स्थानों: दिल्ली, पुणे और कोलकाता में स्थापित किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देना बताया है।

इन सुपरकंप्यूटरों का उपयोग

पुणे में, विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) इस सुपरकंप्यूटर का उपयोग तेजी से रेडियो विस्फोटों (Fast Radio Bursts – FRBs) और अन्य खगोलीय घटनाओं की जांच के लिए करेगा।

दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) इस सुपरकंप्यूटर का उपयोग सामग्री विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए करेगा।

कोलकाता में एस एन बोस नेशनल सेंटर सुपरकंप्यूटिंग तकनीक का उपयोग भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान में उन्नत अनुसंधान के लिए करेगा।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन

नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का उद्देश्य भारत में सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है ताकि शैक्षणिक क्षेत्र, शोधकर्ता, MSMEs, और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। इस मिशन के तहत, 2019 में IIT (BHU) में पहला स्वदेशी रूप से असेंबल किया गया सुपरकंप्यूटर ‘परम शिवाय’ स्थापित किया गया था।

इस परियोजना के तहत पीएम मोदी ने अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी समर्पित किया है, जिनकी कुल लागत 22,600 करोड़ रुपये है। हालाँकि, भारी वर्षा के कारण मुंबई और पुणे में कुछ कार्यक्रम स्थगित किए गए थे।

सुपरकंप्यूटिंग का भविष्य

भारत में सुपरकंप्यूटिंग का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, और इस नई पहल के माध्यम से भारत वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग दौड़ में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकता है। यह प्रौद्योगिकी शिक्षा, अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाएगी, जिससे भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता और बढ़ेगी।

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