नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने असंगठित, अर्ध-कुशल, और कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे दिल्ली में काम करने वाले श्रमिकों के लिए राहत का संकेत है। मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह घोषणा की कि 1 अक्टूबर, 2024 से असंगठित श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये होगा। यह वेतन वृद्धि देशभर में सबसे अधिक मानी जा रही है, और आने वाले त्योहारों के मौसम से पहले यह बढ़ोतरी श्रमिकों के लिए बड़ी राहत है।
श्रमिकों के लिए राहत का संदेश
मुख्यमंत्री आतिशी और श्रम मंत्री मुकेश अहलावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस निर्णय की घोषणा की। आतिशी ने कहा, “दिल्ली में असंगठित श्रमिकों का न्यूनतम वेतन अब 18,066 रुपये होगा, अर्ध-कुशल श्रमिकों का 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों का 21,917 रुपये होगा।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये वेतन दरें न केवल भारत में सबसे अधिक हैं, बल्कि यह AAP सरकार की नीतियों का हिस्सा हैं जो श्रमिकों और समाज के कमजोर वर्गों का समर्थन करती हैं।
भाजपा-शासित राज्यों पर आलोचना
आतिशी ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए भाजपा शासित राज्यों में दी जाने वाली न्यूनतम वेतन दरों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “दिल्ली में जो न्यूनतम वेतन है, वह भाजपा-शासित राज्यों की तुलना में दोगुना है। भाजपा न केवल अपने राज्यों में कम वेतन देती है, बल्कि दिल्ली में वेतन वृद्धि को रोकने की पूरी कोशिश करती है।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2016-17 में जब दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था, तब भाजपा ने इसका विरोध किया था, लेकिन अदालत के आदेश से AAP सरकार ने इसे लागू किया।
न्यूनतम वेतन में निरंतर वृद्धि
श्रम मंत्री मुकेश अहलावत ने कहा कि यह वेतन वृद्धि कोई एकमात्र कदम नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है जो दिल्ली में श्रमिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के लिए लगातार उठाई जा रही है। “हमारी सरकार यह सुनिश्चित करती है कि हर साल दो बार वेतन दरों की समीक्षा की जाती है, और यह विरोध के बावजूद श्रमिकों की भलाई को प्राथमिकता देने के हमारे संकल्प को दर्शाता है,” अहलावत ने कहा।
भाजपा की मजदूर विरोधी नीतियों पर हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतिशी ने भाजपा की नीतियों पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने पार्टी को “मजदूर विरोधी” और “गरीब विरोधी” बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा ने किसानों और मजदूरों के अधिकारों पर हमेशा हमला किया है। चाहे वह विवादास्पद कृषि कानून हो या मजदूरों के अधिकारों की अनदेखी, भाजपा का हर कदम मजदूर विरोधी रहा है।” उन्होंने हाल ही में अभिनेत्री कंगना रनौत के कृषि कानूनों पर दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।
त्योहारी सीजन में राहत
इस वेतन वृद्धि से दिल्ली के श्रमिकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है, विशेषकर आगामी त्योहारी सीजन में। इससे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी और उन्हें अपने परिवारों के लिए बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने में मदद मिलेगी।
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