Cricket एक ऐसा खेल है। जिसको इंडिया में काफी तवज्जो दिया जाता हैं। अगर आप अपने चारों तरफ नज़र घुमाएंगे तो आप क्रिकेट प्रेमी ही अधिकतर पाएंगे। इंडिया का नेशनल गेम हॉकी (Hockey) है।लेकिन हॉकी से भी ज्यादा यहां क्रिकेट के फैंस हैं। समय बदल रहा है जिसके साथ-साथ चीज़ों में भी बदलाव हो रहा है। ऐसा ही एक बदलाव आया है क्रिकेट में। इसको आप बदलाव तो नहीं बोलेंगे लेकिन हां एक नई पहल ज़रूर बोल सकते हैं।

कौन है नया सदस्य
क्रिकेट खेलने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है ‘बैट’ और ‘बॉल’। अगर bat नहीं है तो आप six नहीं मार पाएंगे और अगर ball भी नहीं तो भी आप छक्के और चौके नहीं मार पाएंगे। बॉल भी कई तरीके की होती है. टेस्ट मैच में अलग, वर्ल्ड कप में अलग और टी-20 में भी अलग। हम सभी ने अभी तक तो केवल रेड बॉल (Red Ball) और वाइट बॉल (White Ball) ही देखी है। लेकिन अब रेड और वाइट बॉल में एक कम्पटीशन और बढ़ गया है। वो कम्पटीशन है पिंक बॉल (Pink Ball)।

कल हुआ Pink Ball का उद्घाटन
भारत में टेस्ट क्रिकेट में पिंक बॉल डेब्यू कर चुकी है। 22 नवंबर को भारत और बांग्लादेश के बीच कोलकाता के ईडन गार्डेंस पर ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच (Day-Night Match) खेला गया। दोनों ही टीमें पहली बार गुलाबी गेंद से डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने उतरी थीं। ऐसे में भारत और बांग्लादेश के खिलाड़ियों के लिए ये अलग अनुभव था। ये मैच भारत और बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के बीच गुलाबी गेंद से 12वां टेस्ट मैच हुआ।

Pink Ball के कितने मैच
भारत और बांग्लादेश के बीच गुलाबी गेंद से 12वां टेस्ट मैच होगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे की टीमें पिंक बॉल से टेस्ट क्रिकेट खेल चुकी हैं। अब तक खेले गए 11 में से 6 मैच पांच दिन तक नहीं चल सके हैं।
