Delhi में प्रदूषण बहुत ज़्यादा बढ़ गया है। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Sarkar) ने नए तरह के वाटर टैंक (Water Spray Tank) का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। ये वाटर टैंक दिल्ली की सड़को पर घूमते हुए सड़क और हवा में पानी का छिड़काव करता है। जिससे हवा में मौजूद धूल नीचे बैठ जाती है, लेकिन ये तरीका भी किसी काम नहीं आ रहा है। प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) ने 5 नवंबर तक सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी है। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) वापस से Odd-Even योजना शुरू कर रही है।
Odd-Even होगा 4 नवंबर से शुरू
4 नवंबर से Delhi में Odd-Even योजना शुरू होने जा रही है। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सीएम केजरीवाल ने 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन को चालू करने को कहा है। इस फैसले के तहत एक दिन ऑड जैसे 0,2,4,6,8 के अंत वाले नंबर की गाड़ियां चलेंगी। फिर अगले दिन ईवन जैसे 1,3,5,7,9 के अंतिम वाले नंबर की गाड़ियां चलेंगी। ताकि दिल्ली में प्रदूषण लेवल को कम किया जा सके।इस योजना को सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) ने 4-15 नवंबर से ऑड-ईवन योजना के दौरान सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव किया है।
बदला सरकारी ऑफिस का टाइम
दिल्ली सरकार के आदेश के अनुसार 21 सरकारी ऑफिस का समय सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक और 21 विभाग का समय बदलकर 10:30 से 7 बजे तक कर दिया गया है। जिन विभागों में सुबह 9:30 बजे से काम शुरू होगा उनमें प्रशासनिक सुधार(Administrative Reforms), पर्यावरण(Environment), ऊर्जा(Power), योजना(Planning), लेखा परीक्षा(Audit), वित्त विभाग(Finance Department), खाद्य आपूर्ति(Food Supplies) और उपभोक्ता मामले(Consumer Affairs) शामिल हैं। गृह(Home), सेवा(Service), शहरी विकास(Urban Development), प्रधान लेखा कार्यालय(Principal Accounts Office), अभियोजन(Prosecution), परिवहन(Transport), उच्च शिक्षा(Higher Education), सूचना और प्रचार(Information and Publicity) जैसे कार्यालय का समय सुबह 10:30 बजे से हो गया।
2015 में पहली बार आया Odd-Even
AAP सरकार की Odd-Even योजना पहली बार 2015 में लागू की गयी थी। अलटरनेट दिनों में चलने के लिए odd और even संख्या वाली कारों को शामिल किया गया था। पहली बार ये योजना 1 जनवरी से 15 जनवरी और दूसरी बार ये योजना 15 से 30 अप्रैल तक के लिए चालू की गई थी जो की उतनी तो नहीं लेकिन कुछ हद्द तक सफल रही थी। पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय राजधानी हर सर्दियों में धुंध से जूझ रही है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं।
