जमुई जिले के पाड़ो गाँव की 17 साल की जेशु ने अपने पेंटिंग कौशल से दिलों को जीत लिया है। उसकी माता, आरती पांडेय, ने पति विपिन पांडेय की मौत के बाद तीनों बेटियों को पढ़ाई लिखाई में काबिल बनाने का संकल्प किया है। जेशु, जो स्नातक की छात्रा है, ने देशभर में पेंटिंग कला की खोज की है और विभिन्न राज्यों की पेंटिंग कला को समझने का प्रयास किया है।

जेशु ने अपनी कला को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए ध्यान खींचा है, और उसकी रील्स और शॉर्ट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। उसने नहीं सिर्फ बिहार की मिथिला पेंटिंग, बल्कि बंगाल की कालीघाट पेंटिंग और राजस्थान और मध्य प्रदेश की पेंटिंग कला को भी अपनाया है।

जेशु का सपना है कि वह पेंटिंग कला में नाम करने के साथ-साथ एक प्रशासनिक अधिकारी बने, और इसके लिए उसने बीपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की है। उसकी मां, आरती पांडेय, ने अपने पति की मौत के बाद परिवार का संभालना और तीनों बेटियों को पढ़ाई लिखाई में सहारा देने के लिए अद्भुत साहस दिखाया है।

जेशु ने कहा, “मैं बचपन से ही पेंटिंग में रुचि रखती हूं और इसे करती आ रही हूं। मैं चाहती हूं कि अपनी कला को बिहार की मिथिला पेंटिंग, बंगाल की कालीघाट पेंटिंग कला के साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग कला को आत्मसात कर उसे भी बनाएं।”

जेशु की मां, आरती पांडेय, ने कहा, “पति की मौत के बाद हमारा सारा जिम्मेदारी जेशु की ओर है। हम इसे उसके सपनों की पूर्ति के लिए सकारात्मक रूप से सहारा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” आरती पांडेय ने बिना हिचकिचाहट के यह साबित किया है कि महिला सशक्तिकरण के माध्यम से बिटिया आगे बढ़ सकती हैं और समाज में अपनी पहचान बना सकती हैं।