### बुंडेसबैंक के प्रमुख ने निवेश बढ़ाने के लिए अधिक लचीले कर्ज ब्रेक की मांग की
हाल के दिनों में, जर्मनी के बुंडेसबैंक के प्रमुख जोआचिम नागेल ने सरकार से अपील की है कि वह रक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए कर्ज नियमों में लचीलापन लाए। उनका यह सुझाव एक ऐसे समय में आया है जब जर्मनी को अपनी सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
जोआचिम नागेल का यह बयान जर्मन आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, जर्मनी ने अपनी सैन्य क्षमताओं को सीमित रखा है और अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए कर्ज के स्तर को नियंत्रित करने पर जोर दिया था। हालांकि, यूक्रेन के संकट और वैश्विक सुरक्षा के हालिया घटनाक्रमों ने जर्मनी को रक्षा क्षेत्र में अपने खर्च को बढ़ाने के लिए मजबूर किया है।
नागेल ने कहा है कि बुनियादी ढांचे में निवेश करना और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना बुनियादी आर्थिक विकास के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान नियमों के तहत, कई कंपनियों को आवश्यक निवेश करने के लिए वित्तपोषण की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, अधिक लचीले कर्ज नियमों से कंपनियों को अपने निवेश को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।
जर्मनी में हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में काफी पिछड़ गए हैं। सड़कों, पुलों और परिवहन प्रणालियों की स्थिति बिगड़ रही है, जिससे आर्थिक विकास में बाधा आ रही है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी निवेश की आवश्यकता महसूस हो रही है।
जर्मनी की सरकार ने पहले ही कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि रक्षा बजट को बढ़ाने का निर्णय। हालांकि, जोआचिम नागेल का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है; निवेश को बढ़ावा देने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, खासकर जब बात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की हो।
नागेल के बयान ने राजनीतिक नेताओं और आर्थिक विशेषज्ञों के बीच चर्चा को प्रेरित किया है। कई लोग मानते हैं कि जर्मनी को अपने आर्थिक मॉडल में बदलाव करके अधिक सजग और लचीला बनना होगा, ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
इस प्रकार, जोआचिम नागेल का यह आग्रह न केवल जर्मन अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि पूरे यूरोप के सुरक्षा स्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण है। अब यह देखना होगा कि क्या जर्मन सरकार उनके सुझावों को गंभीरता से लेगी और जरूरी आर्थिक सुधारों को लागू करेगी।