हिमाचल प्रदेश में आवश्यकताओं के खातिर मौसम की बर्बादी का संकेत दिख रहा है। अब तक की जानकारी के अनुसार, प्रदेश में मौसम के प्रलय के कारण 13 लोगों की मौके पर मौत हो चुकी है। इसके साथ ही, आपदा के परिणामस्वरूप कई जगहों पर बारिश के पानी ने असर दिखाया है, जिसके कारण सड़कें बंद हो गई हैं और कई इलाकों में बिजली आपूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं।
राजधानी शिमला में भी इस हालत का सबसे बड़ा असर दिखाई दे रहा है। नगर निगम के स्लाटर हाउस समेत कई भवन जमींदोज हो गए हैं, जिसमें दो लोगों की दब कर मौत हो गई। इसके साथ ही, अन्य स्थानों पर भी भूस्खलन के कारण कई लोगों की जिंदगी में बड़ी चोट पहुंची है। यहां तक कि भूस्खलन के परिणामस्वरूप शिवबावड़ी मंदिर के पास मलबे से पांच शव निकाले गए हैं, जिससे मृतकों की कुल संख्या 13 हो गई है।
कुल्लू के आनी में और किन्नौर के पांगी गांव के दुनंग कंडे में भी बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाएँ रिपोर्ट की गई हैं, जिससे दो लोगों की मौके पर मौत हो गई है। इसके अतिरिक्त चंबा जिले के चुवाड़ी स्थित कलम खड्ड में एक युवक की बिजली के प्रवाह में मौत हो गई है।
आपदा के परिणामस्वरूप प्रदेश में बारिश से कई राजमार्ग और महत्वपूर्ण सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। यह स्थिति कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र में भी दिखाई दी है, जहाँ पौंग बांध के पानी को छोड़ने के बाद जलमग्नता की स्थिति दिखाई दी है। इस स्थिति में वायुसेना ने हेलिकॉप्टर के माध्यम से लोगों की रेस्क्यू की है।
वर्तमान में मौसम साफ है, लेकिन आगामी कुछ दिनों में भारी बारिश के आसार हैं। 18 से 20 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है, जिसके कारण येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे अब तक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति और भी कठिन हो सकती है।
इसके साथ ही, प्रदेश में बारिश के पानी के कारण कई सड़कें बंद हो चुकी हैं और कई स्थानों में बिजली आपूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं। जिलों में बारिश के पानी से जलस्रोतों में गाद आने के कारण कई पानी की स्कीमें ठप हो गई हैं, जिससे लोगों के घरों में पानी की कमी हो रही है।
इन सभी घटनाओं का परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश में असामान्य मौसम के कारण आपदा की स्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय प्रशासन और सरकारी अधिकारियों ने त्वरित उत्तर कार्रवाई की है और लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए कदम उठाए हैं।