वाइस एडमिरल आरती सरिन को भारतीय सशस्त्र बलों की मेडिकल सेवाओं (डीजीएएफएमएस) की महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। यह पदभार संभालते ही वह भारतीय सशस्त्र बलों की मेडिकल सेवाओं की प्रमुख बनने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। साथ ही, वह भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा देने वाली अब तक की सबसे वरिष्ठ महिला अधिकारी भी हैं।
डीजीएएफएमएस का मुख्य कार्य रक्षा मंत्रालय को सशस्त्र बलों से संबंधित सभी चिकित्सा नीति मामलों में मार्गदर्शन प्रदान करना है। इस पद की जिम्मेदारियां अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह चिकित्सा सेवाओं की रणनीतियों और नीतियों के संचालन और सुधार के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
वाइस एडमिरल आरती सरिन का सैन्य करियर 1985 में शुरू हुआ, जब उन्होंने पुणे स्थित सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्हें रेडियोडायग्नोसिस और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में दो स्नातकोत्तर डिग्रियाँ प्राप्त हैं, और वह गामा नाइफ सर्जरी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। उनके असाधारण शैक्षणिक और चिकित्सा कौशल ने उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं में शीर्ष पर पहुंचने में मदद की।
वाइस एडमिरल सरिन ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना दोनों की चिकित्सा सेवाओं की महानिदेशक के रूप में सेवा की है। इसके अलावा, उन्होंने दो प्रमुख इकाइयों – आईएनएचएस अश्विनी और एएफएमसी का नेतृत्व भी किया है। वे दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) और पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) की कमान चिकित्सा अधिकारी भी रह चुकी हैं।
आरती सरिन ने भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने युवतियों को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है और इसके लिए वे हमेशा से एक सक्रिय वकील रही हैं। उन्होंने हाल ही में एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली है, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय कार्य बल की सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। इस कार्य बल का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और प्रोटोकॉल तैयार करना है।
वाइस एडमिरल आरती सरिन को जुलाई 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी दीर्घकालिक सेवा और नेतृत्व क्षमता को पहचानने के रूप में दिया गया। भारतीय सशस्त्र बलों में उनके योगदान ने उन्हें चिकित्सा सेवाओं में एक प्रेरणादायक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है।
आरती सरिन ने न केवल चिकित्सा सेवाओं में एक ऊंचा स्थान हासिल किया है, बल्कि उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के सभी अंगों – सेना, नौसेना और वायुसेना में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। आईएनएचएस अश्विनी और एएफएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की कमान संभालते हुए, उन्होंने भारतीय नौसेना की चिकित्सा सेवाओं को नई दिशा दी। उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें सेना के चिकित्सा संचालन में सुधार करने और चिकित्सा सेवाओं को उन्नत बनाने में मदद की।
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उनके नेतृत्व में, चिकित्सा सेवाओं ने अधिक संगठित और कुशल रूप से काम किया है, जिससे सैनिकों और उनके परिवारों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा देखभाल मिल सकी है।
वाइस एडमिरल आरती सरिन की यात्रा उन तमाम महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है जो सशस्त्र बलों में सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए एक नई मिसाल कायम की है और यह दिखाया है कि यदि समर्पण और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है। उनके करियर की यह ऊंचाई उन्हें न केवल सशस्त्र बलों में बल्कि पूरे देश में एक प्रेरणास्रोत के रूप में स्थापित करती है।